27 सितंबर की रात 10 बजे शहर में खुलेआम एक इण्डिका में सवार में लोगों ने एक लड़की को जबरन उठा लिया. मामला पुलिस तक जैसे पहुंचा और कार्रवाई जैसे ही शुरू हुई उसके थोडी ही देर बाद भाजपा के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी अपराधियों को बचाने में जुट गए. हालात यह रहे कि भाजपा के इन
पदाधिकारियों ने देर रात तक पुलिस पर सत्ता का दबाव बना कर मामले को बदलवा तो लिया ही कहानी में लड़की का अपहरण ही हट गया और अपहृत व्यक्ति बदल कर लड़का हो गया.
प्रत्यक्षदर्शियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इण्स्ट्रियल एरिया स्थिति जिला उद्योग संघ के कार्यालय के समीप सतना रीवा राजमार्ग पर रात सवा दस बजे एक युवती अपनी स्कूटी क्रमांक १९ एमबी ८९१९ से गुजर रही थी. तभी एक इण्डिका कार एमपी. १९ जी ८३५३ में सवार कुछ युवा तेजी से स्कूटी के सामने आकर उसे रोक देते है. आनन फानन में उस लड़की को उठाकर उस कार में जबरन लाद लिया जाता है और वाहन तेजी से वहां से गुजर जाता है. मामला यहां तक जब प्रत्यक्षदर्शियों ने देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी तथा वाहन का नंबर लिखाया. सूचना पर पुलिस भी तुरंत हरकत में आई लेकिन सतना पुलिस की यह तत्परता तब समझ में आई जब कुछ देर बाद मामला ही सुलटाने की कवायद में खुद पुलिस कर्मी भी शामिल नजर आने लगे. दरअसल जबतक पुलिस स्कूटी को अपने में कब्जे में लेकर निकली थी तभी घटनास्थल पर शहर कुछ भाजपाई और गल्ला के कई बड़े व्यापारी पहुंचे. यहां से
जब उन्हें जानकारी मिली की स्कूटी पुलिस के कब्जे में है तो वे बिना समय गंवाए अपने मोबाइलों से संपर्क में जुट गए और आनन फानन में घटना स्थल से बाईपास की ओर चले गए. बताया गया है कि इन्होंने ज्यादा वक्त न गंवाते हुए चेतक मोबाइल से संपर्क किया बाईपास में खड़ी पुलिस की चेतक के पास पहुंच गए. यहां से पुलिस की मोबाइल वाहन यूनिट संग्राम कालोनी पहुंची जहां रात को आमजन से स्कूटी दिखा कर यह पता करने लगी की इस वाहन को चलाने वाली युवती को जानते है. इसके पीछे पुलिस की मंशा युवती का पता पुष्ट करना रही. यहां से एक साजिश(बाईपास में हुई सेटिंग) के तहत पुलिस को यह बताया गया यह स्कूटी किसी लड़के की है. वह लड़का किसी बड़े गल्ला व्यापारी का लड़का है. यहां महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि बाईपास से जनप्रतिनिधियों एवं गल्ला व्यापारी की वह गाड़ी यहां भी चेतक वाहन से साथ-साथ पहुंची हुई थी. इधर कुछ देऱ बाद पता चला कि आरोपी इण्डिका गाड़ी टिकुरिया टोला के पास बरामद कर ली गई है. इसके बाद थाने का घटना क्रम जाना जाय तो यहां भाजपा के वरिष्ट नेता तथा प्रदेश पदाधिकारी अनिल जायसवाल अपने पार्टी के साथियों के साथ मामला मैनेज करने पहुंच चुके थे. सत्ता का दबाव काम आया और पुलिस ने भी जो कहानी बताई वह काफी चौंकाने वाली रही. इस नई कहानी के अनुसार अपहरण लड़की का नहीं किसी लड़के का हुआ दर्शा दिया गया. इस जानकारी के बाद आगे का घटनाक्रम पता करने की फिर हमने जहमत ही नहीं उठाई.
क्यों नहीं थाने पहुंचा चेतक
यहां सबसे महत्वपूर्ण तथ्य तो यह है कि प्रत्यक्षदर्शियों की सूचना पर जब पुलिस का मोबाइल वाहन चेतक लड़की की स्कूटी बरामद कर चुका था तो उसे लेकर वह थाने क्यों नहीं पहुंचा. इसके अलावा वह स्कूटी सहित बाईपास में क्या करने गया था. बाईपास में चेतक स्कूटी सहित खड़ा है इसकी जानकारी उन भाजपा नेताओं और गल्ला व्यापारियों को कैसे पता चली. इस काण्ड में जिसका अपहरण हुआ वह लड़की थी बाद में वह लड़के में कैसे बदल गई. इस जैसे कई सवाल हैं जो अभी भी अनुत्तरित हैं.
सलवार कुर्ता पहने थी लड़की
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो लड़की काली स्कूटी में सवार थी तथा सलवार कुर्ता पहने हुए थी. अंदाज से ज्यादा उम्र की नजर न आने वाली उस युवती ने अपना मुंह सफेद दुपट्टे से ढंक रखा था.
Sunday, September 28, 2008
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