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Saturday, October 15, 2011

यूपीए सरकार देश के संघीय ढांचे को ध्वस्त करने में तुलीः आणवाणी

सर्किट हाउस में पत्रकार बार्ता के दौरान लालकृष्ण आडवाणी,
मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान,  प्रदेशाध्यक्ष  प्रभात झा
जनचेतना यात्रा के साथ यहां पहुंचे भाजपा के शिखर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने परिवारवाद को  लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा कि भाजपा में प्रधानमंत्री पद का फैसला संसदीय दल द्वारा लोकतांत्रिक तरीके  से होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पीएम की रेस में नहीं हैं। शुक्रवार को सतना के सर्किट हाउस में श्री आडवाणी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस में पद परिवार व वंशवाद के आधार पर दिये जाते हैं। देश में भाजपा और कम्युनिस्ट ऐसी दो पार्टियां हैं जहां परिवारवाद के लिये कोई गुंजाइश नहीं है।
श्री आडवाणी ने यूपीए सरकार पर प्रदेश सरकारों के प्रति भेदभाव बरतने के तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि वे संघीय ढांचे को ध्वस्त करने में लगे हैं। एनडीए के छः साल के कार्यकाल में कभी ऐसा नहीं हुआ। श्री आडवाणी ने कहा कि एनडीए के शासनकाल में एक प्रदेश के विपक्षी पार्टी के मुख्यमंत्री का यह कहना कि ‘उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि केन्द्र सरकार ने उनके साथ न्याय नहीं किया। एनडीए के समय कभी कोई भेदभाव नहीं हुआ’ वाजपेयी सरकार के लिये बड़ा सर्टिफिकेट है।
भारत के संवैधानिक ढांचे की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में उन्हें इस बात का गर्व है कि यहां की सरकार प्रमाणिकता और सार्थकता के साथ गरीब कल्याण के कार्यक्रम लागू कर रही है। लेकिन जब एसी सरकार के साथ केन्द्र की सरकार भेदभाव करती है तो दुःख होता है।
यूपीए करती है भेदभाव
श्री आडवाणी ने कहा कि इस समय जब सा देश में भ्रष्टाचार का माहौल है वहां मध्यप्रदेश की सरकार ने भ्रष्टाचारियों की संपत्ति राजसात करने का कानून बनाया। वह कानून बनने के बाद भी केन्द्र में पड़ा रहेगा। उन्होंने  कहा कि यहां के तीन कानून है जिन्हें केन्द्र द्वारा पास नहीं किया जा रहा है। भेदभाव को और स्पष्ट करते हुए कहा कि मकोका को एमपी और गुजरात सरकार के लिये पास नहीं करती जबकि यह महाराष्ट्र का अक्षरशः है। यह मध्यप्रदेश सरकार के साथ स्पष्ट भेदभाव है। श्री आडवाणी ने केन्द्र पर हमला जारी रखते हुए कहा कि केन्द्र सरकार खाद कोयले की आपूर्ति पूरा नहीं होने देती है। यह हल्की चीजें नहीं है। यह संविधान के नजरिये से भी सीरियस मैटर है।
न्यायपालिका और लोकपाल की व्यवस्था अलग हो
श्री आडवाणी ने लोकपाल के दायरे में न्यायपालिका और प्रधानमंत्री को शामिल करने के मुद्दे पर कहा कि न्यायपालिका की व्यवस्था अलग होनी चाहिये और लोकपाल की व्यवस्था अलग होनी चाहिये। केन्द्र सरकार ने जो किया है उसमें प्रधानमंत्री को लोकपाल की व्यवस्था में नहीं रखा है, जबकि हमने राष्ट्रीय सुरक्षा को अपवाद में रखते हुए लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को रखा था। टीम अन्ना से इस मसले पर अपनी चर्चा का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 2 घंटे की चर्चा में अन्ना और उनकी टीम सभी विषयों पर एक मत थी। आज क्यों उनका मत दूसरा हो गया है नहीं जानता।
अटल जी सर्वश्रेष्ठ
पार्टी में अटल जी की सक्रियता नहीं होने के संबंध में उन्होंने कहा कि अटल जी सर्वश्रेष्ठ व सर्वमान्य नेता रहे हैं। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उन्हें राज्यसभा में लाने की बहुत कोशिश की लेकिन उनका कहना था कि इस अवस्था में वे अपने कर्तव्य से न्याय नहीं कर पाएंगे।
लोकायुक्त मामले पर गंभीर
ल¨कायुक्त क¨ पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है और कर्नाटक में कार्यवाही भी की है। सीएम को ऐसे मामलों में सख्ती बरतनी चाहिये। यह बातें उन्होंने मध्यप्रदेश में कई मंत्रियों के मामले लोकायुक्त में होने के बाद भ्रष्टाचार के दोहरे मापदण्डों पर कहीं। हालांकि इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा ने बताया कि मध्यप्रदेश में मंत्रियों के संबंध में एसी कोई लोकायुक्त रिपोर्ट नहीं हैं।

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