मुंबई पुलिस के कड़े सुरक्षा घेरे में अण्डर वर्ल्ड डॉन अबू सलेम को उसके गृह ग्राम आजमगढ़ ले जाया गया. उसे वहां उसकी मां के अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया है. इसकी जानकारी काफी गोपनीय रखी गई है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस ट्रेन से उसे ले जाया गया है उसके यात्रियों तक को इसकी भनक नहीं लगने दी गई . उसे पांच दिन बाद महाराष्ट्र ले जाया जाएगा.
सतना रेलवे स्टेशन में आज कड़े सुरक्षा इंतजाम किये गये थे लेकिन कारण किसी को पता नहीं था. डाउन महानगरी एक्सप्रेस रात ८ बजकर दस मिनट पर जेसे ही सतना पहुंची उसकी जनरल बोगी को स्थानीय जीआरपी और आरपीएफ के जवानों ने घेर लिया . आज ट्रेन अपने नियत प्लेटफार्म पर न आकर सबसे किनारे वाले प्लेटफार्म पर लाई गई. ट्रेन जब रुकी तो उस बोगी के सभी खिड़की दरवाजे बंद थे. तभी अचानक एक खिड़की खुली और सलेम ने चाय वाले वेंडर को पुकारा तभी एक झलक मीडिया को मिल पाई. हालांकि मीडिया से अबू सलेम को दूर रखने पूरा इंतजाम किया गया था. इस बोगी को बर्थ के दोनो ओर रस्सियों की जाली बना दी गई थी और एक दर्जन जवान वहां आधुनिक शस्त्रों के साथ तैनात थे. खबर है कि इलाहाबाद या बनारस से ट्रेन चेंज की जाएगी . तथा यह भी पता चला है कि आजमगढ़ से कुछ स्टेशन पहले उसे उतार कर विशेष वाहन से अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाया जाएगा.
मोनिका के नाम पर ठिठका सलेम
कुछ ही पलो का जब मौका मिला तब सलेम से जब मोनिका के बारे में बात की गई तो वह ठिठका और घूरते हुए संवाददाता की आंखों मे आंखे डाल कर फिर सिर झुका लिया तभी अंदर से खिड़की बंद कर दी गई . बोगी के अंदर किसी को प्रवेश नहीं करने दिया गया . स्थानीय जीआरपी को भी परमिशन नहीं दी गई. सुरक्षा के लिये कुछ घंटे पहले ही आरपीएफ को सूचना दी गई थी. इसके अलावा ट्रेन की अन्य बोगियों में भी सादी वर्दी में जवान तैनात थे.
Friday, October 12, 2007
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