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Sunday, March 19, 2017

पॉवर हंग्री जनता और चरम लोकप्रियता


यूपी में भाजपा की जीत नही मोदी की जीत है। विगत दिवस इंटेलिजेंस के पूर्व अधिकारी से हो रही चर्चा में उन्होंने कहा था 1980 में जो लोकप्रियता का चरम इंदिरा का था वही इस समय मोदी का है। जनता का विश्वास अभी जिस तरह मोदी पर है उसमें मोदी सही करें या गलत अभी जनता उसे सही मानेगी। कुछ ऐसा ही टाइम मैगजीन ने भी माना।
दरअसल भारत की जनता की वृत्ति ही ऐसी है। पॉवर की भूखी। इंदिरा और मोदी दोनों को पॉवर हंग्री जनता मिली और दोनों ने इसी भूख को और चरम पर ले जाकर दशा और दिशा अपनी ओर कर ली।
दोनों में लोकप्रियता का चरम इतना है कि इनके गलत और नीति विरुध्द निर्णय कोई मायने नही रखेंगे। इसपर जितना भी इनका विरोध और जुबानी हमले होंगे उतने ही मजबूत होंगे।
मित्र की चर्चा का निष्कर्ष था कि लोकप्रियता का ये झोंका 19 तक झंझावात पैदा करता रहेगा और इसका फायदा एमपी में बीजेपी को मिलना अवश्यम्भावी है।
दूसरी ओर कांग्रेस के पास ऐसा कोई चेहरा नही है जो इस लोकप्रिय चेहरे से ध्यान अपनी ओर खींचे। शायद प्रियंका पर दांव लगाया जाये तो कुछ हल निकल सकता है, लेकिन हुकुम के इस इक्के को कब फेंकना है ये भी शातिर खेल का अंग है, वरना बड़े पत्ते गलत चाल से छोटे के आगे ढेर हो जाते हैं।

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