प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष हुई झमाझम बारिश से बाणसागर का डैम अपने अधिकतम जल भराव क्षमता से भी उपर पहुंच गया और पहली बार बाणसागर डैम के गेट खोलने पड़े। हालांकि इस घटना के लिये तो बाणसागर प्रबंधन तैयार था लेकिन रविवार रात से सोमवार सुबह तक की घटना ने बाणसागर प्रबंधन की पेशानी पर बल डाल दिये हैं। मिली जानकारी के अनुसार रविवार की रात में बाणसागर डैम के गेट क्लोजिंग पोजीशन में रखे गये थे तथा इस दौरान 9 घंटे में पानी का जलाशय में उठाव 4 सेमी चल रहा था लेकिन जब सोमवार की सुबह 8 बजे डैम का लेबल देखा गया तो यह काफी तेज गति से उपर आ रहा था। इसके मद्देनजर आनन फानन में बाणसागर प्रबंधन ने डैम के उपर की नदियों और बारिश का पता लगाया तो पता चला कि सभी नदिया सामान्य स्तर पर हैं और कहीं से भी बारिश की सूचना नहीं है।
इससे परेशान प्रबंधन ने जब वृहद समीक्षा की तो पता चला कि बिरसिंहपुर पाली में मंगठार का रिजरवायर और शहडोल के समीप ओपीएम के रिजरवायर जो गेटेड डैम है से पानी छोड़ा गया था और यही पानी आगे आकर बाणसागर डैम में मिल गया और अचानक जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो गई। बताया जा रहा है कि बाणसागर के बाढ़ प्लान में अभी ये दोनो रिजरवायर शामिल नहीं रहे हैं। इस घटना से बाणसागर प्रबंधन ने नये सिरे से बाढ़ प्लान की समीक्षा करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत डैम के ऊपर पडऩे वाले सभी गेटेड डैमों का आंकलन कर नया बाढ़ प्लान तैयार किया जायेगा। इसकी पुष्टि बाणसागर डैम के अधीक्षण यंत्री डॉ. एनपी मिश्रा ने भी की है।
शुरू होगा ऑपरेशन डॉग्ड
अधीक्षण यंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि अब उनकी मुख्य चिंता बाणसागर का लेबल स्थाई बनाये रखना है। अब प्रबंधन इस बात पर ध्यान दे रहा है कि बारिश अब ज्यादा नहीं होगी और यदि ज्यादा पानी छोड़ दिया गया तो कहीं डैम खाली न रह जाये। इसके लिये बाणसागर डैम का पानी 341.50 मीटर से नीचे न जाये इसके लिये सोमवार की रात 10 बजे समीक्षा करने के बाद आपरेशन डॉग्ड प्रारंभ किया जायेगा। इसके तहत डैम के गेट को पूरी तरह तो बंद नहीं करेंगे लेकिन गेट को इस कंडीशन में लाया जायेगा कि इससे न्युनतम आवश्यक पानी ही जलाशय से बाहर निकले और डैम का स्तर बना रहे।
बाणसागर का बिहार में ताण्डव
बताया जा रहा है कि विगत दिवस जिस गति से बाणसागर डैम से पानी सोन नदी में छोड़ा गया है उसका असर बिहार के कई क्षेत्रों में बाढ़ के रूप में नजर आया है। बताया गया है कि सोन नदी में आगे भी डैम बने हैं लेकिन बाणसागर से भारी मात्रा में छोड़े गये पानी से उफनाई सोन नदीं ने इन निचले डैमों का जल स्तर काफी बढ़ा दिया है। इस वजह से यहां से भी पानी छोडऩे की स्थिति बन गई और बिहार के पटना सहित कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बन गये। उफनाई सोन की वजह से एक दशक बाद सीधी का पुल ओव्हरफ्लो हुआ है।
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