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Friday, April 13, 2007

उमर मुस्लिम समाज से बहिष्कृत !

विगत दिवस भोपाल में एक मुस्लिम युवक उमर द्वारा धर्म परिवर्तन कर अपना नाम उमेश रखकर सिंधी समुदाय की युवती प्रियंका से शादी रचाने के मामले ने तूफान का रूप ले लिया है. एक और जहां यह मामला राजनीतिक रंग भी ले रहा है तो दूसरी ओर धार्मिक संगठनों के मुल्ला मौलवियों व धर्म गुरुओं के बीच बहस शुरू हो गई है.इस शादी से भड़के सिंधी समाज के दबाव के चलते विगत दिवस पुलिस ने जहां लड़के के भाई जबरन थाने में बैठाए रही व उसके परिवार पर दबाव बनाया जाता रहा कि लड़के को पेश करों. वहीं दूसरी ओर नवदंपति को हाई कोर्ट ने राहत प्रदान करते हुए पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिये व पुलिस को फटकार भी लगाई.लेकिन इसका दूसरा पक्ष जो है वह काफी स्याह है और इसपर सकारात्मक बहस की जरूरत है. इस विवाह से नाराज मुस्लिमों की संस्था मजलिस-ए-शूरा ने धर्म बदलकर शादी करने वाले उमर को कौम से बेदखल कर दिया है, साथ ही मुस्लिम महिलाओं व युवतियों को बुरका पहनने व पर्दा परंपरा का पालन करने कड़ी नसीहत दी है. तो सिंधी समुदाय ने भी लड़कियों को चेहरा ढंककर घर से बाहर निकलने और मोबाइल, स्कूटर के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फरमान जारी किया है. वहीं दूसरी ओर कुछ हिन्दू संगठनों ने भोपाल बंद का आह्वान किया है तो आल इण्डिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने भी इन विवाह पर नाराजगी जताते हुए उमर को कौम से बहिष्कृत करने के फैसले को सही ठहराया है.इस अंतरधार्मिक विवाह पर धार्मिक और सामाजिक आधार पर तरह-तरह की व्याख्याओं का दौर शुरू हो गया है तथा इसके समर्थन व विरोध में पुराने उदाहरणों के साथ बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है. विश्व हिन्दू परिषद ने अगर-मगर के साथ समर्थन व विरोध की मुद्रा अख्तियार कर ली है. उसका कहना है कि उमर ने अगर धर्म परिवर्तन करके शादी की है तो कोई ऐतराज नहीं है लेकिन बगैर धर्म परिवर्तन के शादी हुई है तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. वहीं जमीयत के प्रवक्ता ने कहा है कि शरीयत के मुताबिक ऐसे विवाह वर्जित है.अब सवाल यह उठ रहा है कि यह शादी इतने विवाद का विषय क्यों बन रही है. क्यों दोनों समुदाय अपने-अपने फरमान जारी कर रहे है. क्यों नवदंपति को अपनी जिंदगी नहीं जीने दी जा रही है. तब ये नैतिकता के ठेकेदार कहां थे जब भोपाल के नवाब पटौदी, वॉलीबुड सितारे शाहरुख खान व अरबाज खान, सितारवादक अमजद अली खान, भाजपा के शाहनवाज हुसैन व मुख्तार अब्बास नकवी, सपा के शाहिद सिद्दीकी ने हिन्दू कन्याओं से विवाह रचाया तो फिल्म अभिनेता ऋतिक रोशन और कांग्रेस सांसद सचिन पायलट ने मुस्लिम कन्याओं से विवाह रचाया. आखिर कब तक समाज व राजनीति के नाम पर प्यार को सूली पर चढ़ाया जाएगा.

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