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Thursday, April 12, 2007

ये क्या हो रहा है

भारत में महिला प्रशासनिक अधिकारियों में इस बात को लेकर रोष है कि उनसे मासिक-धर्म संबंधी जानकारी देने के लिए कहा जा रहा है.
बीबीसी में यह लेख पढ़ते ही काफी कुछ सोचने को मजबूर हो गया. आखिर यह हो क्या रहा है? कामकाज का वार्षिक आकलन और उनकी स्वास्थ्य जाँच के नाम पर किसी की निजता भंग करने का यह कौन सा खेल है. क्या इससे पहले उनका कामकाज बेहतर नहीं होता है जो मासिक धर्म जैसी जानकारी देने के बाद कामकाज में तेजी आ जाएगी. यह तो किसी महिला के मानवाधिकारों का सीधा हनन है. वैसे गाहे बगाहे जागने वाले महिला आयोग को अब तक यह क्यों नहीं दिखा यह भी समझ से परे है.

3 comments:

Anonymous said...

ये तो वाहियात बात है!

Anonymous said...

अच्छा!!
शायद यही पुछना बाकि था, सो पुछ लिया.
हद कर दी, भाई.

ePandit said...

यकीन नहीं आता कि एक सभ्य लोकतांत्रिक समाज में भी ऐसा काम हो सकता है