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Monday, July 2, 2007

कानून से उपर हैं विधायक पुत्र

कानून सिर्फ जमीन पर रेंगने वाले आम आदमियों के लिए होता है . मसलन ट्रैफिक के नियम आम आदमी तोड़ता है, अपराध आम आदमी करता है बलात्कार आम आदमी करता है और न जाने जितनी भी बुराइयां है वह सब आम आदमी ही करता है. लेकिन यदि कोई विधायक या सांसद का पुत्र या रिश्तेदार है तो उसपर नियम कानून लागू नहीं होते. ... ऐसा ही कुछ देखने को मिला सतना जिले में.
विगत दिवस शहर के एक चौराहे में यातायात पुलिस की चेकिंग चल रही थी . इसी दौरान बगैर नम्बर की बाइक पर तीन सवार पुलिस द्वारा धर लिये गए. कागजात मांगे जाने पर जब उपलब्ध नहीं कराए जा सके तो चालान की कार्रवाई प्रारंभ की जाने लगी तभी उनमें से एक ने कहा कि जानते नहीं मैं विधायक शंकरलाल तिवारी का पुत्र हूं. लेकिन नादान पुलिस कर्मी ... बोला... तो क्या हुआ नियम नियम होता है और चालान काट दिया. तभी पुत्र ने अपने विधायक पिता को यह जानकारी और पन्द्रह मिनट बाद विधायक शंकरलाल तिवारी अपने दलबल सहित वहां पहुंच गए. आते ही यातायात कर्मियों पर बरस पड़े साथ ही सिपाही के निलंबन की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए.
मध्यप्रदेश में भाजपा का शासन और भाजपा विधायक ही अपने समर्थकों सहित धरने पर बैठे तो हड़कंप मचना स्वभाविक था. आनन फानन में सिटी मजिस्ट्रेट पहुंचे. लेकिन विधायक ने लगभग गाली देने वाले अंदाज में बात की और एसपी व कलेक्टर को मौके पर आने की मांग की . एसपी शहर से बाहर थे तो कलेक्टर को बुलाया गया लेकिन कलेक्टर इस घटना से नाराज आने से मना कर दिया. फिर राजनीति की बिसात उपर से बिछी और कलेक्टर आए और सिर्फ इतना ही कहा ‘आप जाएं जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगा’ और लगभग शाम 8 बजे से 11 बजे तक चली नौटंकी का अंत हुआ. लेकिन कुछ प्रश्न छूट गए जिसके जवाब हम आपको देने है. यहां यह बताना भी जरूरी है कि यह विधायक भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ का प्रदेशाध्यक्ष भी है मतलब संगठन से जुड़ा आदमी भी है. ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह बात कि सरकार ईमानदारी से अपना काम करेगी पर का तो स्याह पन्ना है. सबसे बडी बात पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था की दुहाई देते घूमने वाले गृहमंत्री का यह गृह जिला भी है जहां विधायक खुद कानून की ऐसीतैसी करते घूम रहे है और दूसरे दिन एसपी कहते हैं- का करोगे भगवान सब देख रहा है.

2 comments:

Sanjeet Tripathi said...

क्या उमा भैय्या का एम पी अउ का छत्तीसगढ़ दोनो जगह यही हाल है,

राज भाटिय़ा said...

रामा भाई भारत मे तो कोई कानून नाम की चीज हॆ ही नही,अब एक मिशाल हो तो बातऊ,सिर्फ़ गरीबो को धमकने का बाहाना हे,कोई बातऎ, हे कानून तो मन जाऊ गा,वर्ना....
***अन्धेर नगरी चोपट राजा***